वो हया और वो मलाल कहाँ

वो हया और वो मलाल कहाँ
उसकी आँखों में वो सवाल कहाँ

आँख भर देखूँ लब ये सिल जाएँ
चैन आये वो अब विसाल कहाँ

रंग-ओ-गुल की ख़ुशहसीं होली
वो मिलन और वो गुलाल कहाँ

बीते सब साल बनके याद तिरी
रहके याद आये ये वो साल कहाँ

तेरी यादों से जलती रात मिरी
अब वही रौशन-ए-कमाल कहाँ

दूर रहकर भी माँग सुर्ख़ रही
रंग-ए-लहू अब वो लाल कहाँ

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