फिर मुस्कुरायेगा हिन्दोस्तानफिर मुस्कुरायेगा हिन्दुस्तान – Love and Hope जानां, मैं क़ैद में करवट बदल रहा हूँ नींद में नाज़नीं ख़्वाबों से…Read More
फ़ासला रखोनज़्म का उन्वान : फ़ासला रखो ओ ! मेरे अज़ीज़ो-अकरबा ओ ! मेरे हमनफ़स, मेरे हमदम यक़ीनन अभी ग़मगीं है…Read More
छुपन-छुपाईछुपन-छुपाई में देखो कैसे कब से सदियाँ बीत रही हैं दिन छुपता फिरता रातों से रातें छुप-छुपके बीत रही हैं…Read More
इश्क़ बवालीजब से तेरी आवाज़ की बाली इन कानों में डाली है मेरे छोटे छोटे ख़्वाबों की नींदों पे बड़ी सवाली…Read More
बड़ी बेआबरूबड़ी बेआबरू सी है ये ज़िन्दगी, कि जीने का सलीका भी नहीं जानती रहती है ख़ुद क़िताबों में क़ैद हमें…Read More
क्या सुनाऊँ तुझेक्या सुनाऊँ तुझे काश ख़ुदा करे, रहूँ जुस्तुजू में तेरी, और फिर न पाऊँ तुझे मगर ये हो नहीं सकता…Read More
ज़िन्दगी ख़त्म से शुरू होतीबड़ी अजीब सी है ये ज़िंदगी और बड़ी अजीब इसकी शुरुआत सुना था, चिंगारी से लौ बनती है पर यहाँ…Read More
हौसला फिर जगमगाया देर तकहौसला फिर जगमगाया देर तक जलती रातों को बुझाया देर तक थक के तारे उस फ़लक के सो गए जुगनू…Read More
फूल दिल तक़दीर में आए बहुतफूल दिल तक़दीर में आए बहुत पर हमें पत्थर के मन भाए बहुत //१ पाँव के छालों से रक्खा राबता…Read More
है नहीं नादान वो, समझाएँ क्याहै नहीं नादान वो, समझाएँ क्या आइने को दर्द अब दिखलाएँ क्या ज़िन्दगी से राबता है मेरा कुछ मुश्किलें जीने…Read More
लोग बैठे हैं जिगर को थाम केलोग बैठे हैं जिगर को थाम के //१ ऐसे क्या किस्से तुम्हारे नाम के दिन तो सारे मुफ़लिसी में ढल…Read More
पहले जैसी सहर नहीं आतीपहले जैसी सहर नहीं आती कोई शबनम नज़र नहीं आती //१ होती है बस ज़माने की चर्चा बस उसी की…Read More
आँख में रोज़ सपने जलते हैंआँख में रोज़ सपने जलते हैं इस शहर से चलो न चलते हैं ज़िन्दगी भर का जो सहारा थे हर…Read More
शाम है उसकी याद आने कीशाम है उसकी याद आने की कोई तरक़ीब हो भुलाने की लब यूँ बेहिस हुए मिरे जब भी आती है…Read More
वो हया और वो मलाल कहाँवो हया और वो मलाल कहाँ उसकी आँखों में वो सवाल कहाँ आँख भर देखूँ लब ये सिल जाएँ चैन…Read More
अब शजर से हवा नहीं मिलतीअब शजर से हवा नहीं मिलती अर्श में कहकशां नहीं मिलती सख़्त रुख़ वो हमेशा रखते हैं ऊँचे सर को…Read More
शाम से दिल में बेकरारी है- ग़ज़लशाम से दिल में बेकरारी है बरसों सी कटती रात भारी है इक उसी पल का मुंतज़िर होके लम्हा लम्हा…Read More
इससे बढ़कर मैं और क्या करता- ग़ज़लइससे बढ़कर मैं और क्या करता नाम उसके मिरी रज़ा करता उससे कैसे भला गिला कर दूँ मरके भी दिल…Read More
बात करना तो इक बहाना है- ग़ज़लबात करना तो इक बहाना है राज़ दिल का तुम्हें बताना है इक यही पल है ज़िन्दगी मेरी आगे पीछे…Read More
उसके दिल में कहाँ समाते हमउसके दिल में कहाँ समाते हम ग़ैर पे हक़ नहीं जमाते हम दिल में उसकी जबीं छुपाई है ज़ख्म कैसे…Read More
याद और कैलेंडरएक-एक कर कितनी रातों की राख झड़ गयी, और गिर पड़ीं झुलसी हुई दुपहरी, मानूस शामें। एक-एक कर कितनी सुबहों…Read More
आइने में अपना शहर देखते हैं- ग़ज़लआइने में अपना शहर देखते हैं हम उसी की आँखों में घर देखते हैं यूँ गया दूर वो, नज़र भर…Read More
माँ तो माँ होती है – Mothers Dayइस दुनिया के अच्छे बुरे मसाइल में सही ग़लत, कहीं दूर दब गया उस माँ का चेहरा, जो थोड़ा अलग…Read More
माँगर हारूँ तो दुखी, जीतूँ तो ख़ुशी से रोती है एक अकेली हिम्मत बाँधे, माँ तो माँ होती है दुनिया…Read More
घर झगड़ानक़ली हँसी की कोशिश झूट-मूट जाती है माँ को रोता देखूँ तो किस्मत फूट जाती है घर के पहिये जब…Read More
ज़मीन – Earth Dayजब बनी थी मैं, तब सजी थी मैं तब तुम्हारी ही अपनी ज़मीं थी मैं एक अरसे से ख़ुदको सँभाले…Read More
मैंने थाम लिया है दिन- ग़ज़लमैंने थाम लिया है दिन, तुम ये रात रोक लो करनी है देर तक बात, बस ये बात रोक लो…Read More
वक़्त का थानये कैसा थान है वक़्त का लम्हा लम्हा खोलूँ तो उधड़े उधड़े से रेशे निकल रहे हैं हर-पल “पल” फिसल…Read More
तालेलॉकडाउन के दिनों में सड़कें वीरान हैं पंछी हैरान हैं और इंसां है क़ैद न कहीं सैर सपाटा न कदम…Read More
तलाश हूँ मैंकायनात की कटोरी से एक बूँद छलकी बूँद जो फ़लक़ के कान में फुसफुसाकर आती हूँ अभी, ये गयी समझाकर…Read More
विश्व स्वास्थ्य दिवसयही ख़्वाब शाम-ओ-सहर आता है रोटी में क्यूँ उसे ज़हर नज़र आता है कोयला फाँकने की कोई घड़ी नहीं भूख…Read More
ग़रीब की सेहतरोज़ की सी बात है ऐसी भी न ख़ास है टाल वाली ईंटा भट्टी में कच्ची ईंटा सी पीली है…Read More
नंगी सड़कबहुत लद गयी थी सड़क भारी भरकम लिबासों से लिबास जो मुद्दत से धुले न थे गंदे मैले कुचले ट्रक्स…Read More
ग़लत नज़्म – आरुषिकुछ अलग करने की चाह में तुमने इक बेमिसाल नज़्म रची थी न लय-बहर न रदीफ़-क़ाफ़िया लफ़्ज़ों का अभाव इब्तिदा…Read More
सन्नाटा और नींदकभी कभी मुझे रश्क़ होता है उन लोगों से जो मुँहफट होकर कहते हैं “माफ़ कीजिये, गहरी नींद लग गयी…Read More
सुर्ख़ चाँद / Red Moonएक सुर्ख़ चाँद गोद में लिए हुए ईव फ़लक़ से उतरी है तुम्हारी नज़रों में उसकी हिम्मत किरच के जितनी…Read More
फ्लाईओवर के नीचे – आरुषिबैसाखी है तो रहने दो, टखने से ख़ून रिसता है तो बहने दो । पिछली दफ़ा भी किसी ने रहम…Read More
बेबसी, मजबूरीअपनी ये मजबूरी मैं तुम्हें बताऊँ कैसे फ़िज़ा में ज़ख़्म-ए-दिल दिखाऊँ कैसे घड़ी घड़ी सिसकियाँ, आह ! बेहिसाब और अपना…Read More
मरना कैसा होगाजीना तो हो गया जैसे-तैसे सवाल ये है कि ‘मरना’ कैसा होगा बीमारी से ? ठीक वैसे ही जैसे अमीरों…Read More
तू फ़ासलों की क़द्र कर (जनता कर्फ्यू)उठ ! ये जंग की पुकार है वक़्त कर रहा प्रहार है नज़दीकियों की शक़्ल में वो काल पे सवार…Read More
जिस मानिंद ये ग़ज़लजिस मानिंद ये ग़ज़ल, पढ़ रहा हूँ मैं अंदर अंदर और गहरा बढ़ रहा हूँ मैं तुझसे जीत भी गया…Read More
अभी इश्क़ लिखने का दिल नहीं हैमैं कोशिशें हज़ार करता हूँ मगर रूह है कि सिहर जाती है नज़र है कि ठहर जाती है ; सिग्नल…Read More
पहले वतन के बेढकेपहले वतन के बेढके बदन को लुकना चाहिए जैसे भी हो ये पीप बहता घाव छुपना चाहिए बह चुका ख़ून…Read More
बचा लोवक़्त और रिश्ते इंस्टाफ़िल्टर्स और फ़्रेंडज़ोण्ड के दौर में बचा लो वो माँगी हुई चीनी की कटोरी इन रिश्तों की…Read More
नाइट शिफ़्ट के बाददनदनाते जहाज़ों से कुछ ही घर छोड़कर रहते हैं लोग लोग जो नर्म पोशीदा सुबह में लिपटे हुए सो रहे…Read More
सुनो, ज़रा ठहर के आनाजो इक वादा था तुमसे, फ़िज़ा में खिलखिलाने का कहकशाँ में डूब जाने का जूड़े में तुम्हारे चाँद टिकाने का…Read More