कुछ चाँदनी में सिमटी हुई
कुछ रोशनी में लिपटी हुई
छू के मुझे ले चल कहीं
ख़्वाबों के पीछे मिल कहीं
बड़ी रात है ओ हमसफ़र
दो पल तू दे दे बस मुझे
तेरी ज़िंदगी से ऐ सनम
मेरे साथ चल मेरे साथ चल
तू बनके मेरा हम-क़दम
बड़ी उलझी सी है ये डगर
मुझे थाम ले ओ हमसफ़र
बड़ी रात है ओ हमसफ़र
बड़ी रात है
ये रात यूँ ही ढल जाएगी
कल सुबह फिर से आएगी
जब तक है रात ये रहगुज़र
मुझे प्यार कर ओ हमसफ़र
बड़ी रात है ओ हमसफ़र
बड़ी रात है
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