बात करना तो इक बहाना है
राज़ दिल का तुम्हें बताना है
इक यही पल है ज़िन्दगी मेरी
आगे पीछे तो बस ज़माना है
ख़ूब शातिर है चाहने वाला
मुस्कुराहट छुपा निशाना है
ज़ख्म कितने दबे किसे परवाह
बस हँसी लब पे ही दिखाना है
इतना चाहा नज़र से गिरने लगा
रूठ कर ख़ुद को भी उठाना है
दूर जाने के थे सभी किस्से
पास आने का इक फ़साना है